Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

जानिए Computer Kya Hai – सम्पूर्ण ज्ञान (2024 में)

By Rehan Shaikh

Published on:

Computer Kya Hai

आप के हाथ जो डिवाइस है, इसके पास आपके सवाल का जवाब है। आप इससे अपने कोई भी सवाल को पूछ सकते है, ये आपके कल्पना से ऊपर का भी जवाब दे सकता है। इसका नाम कंप्यूटर है, आपको इस आर्टिकल में Computer Kya Hai समझने और पढ़ने को मिलेगा।

ये साधारण-सा डिवाइस अभी आपको लगभग सभी के पास देखने को मिल जाएगा, घर से लेकर ऑफिस तक और पढाई से लेकर कमाई तक इसका काम होता है।

Computer आधुनिक तकनीक का सबसे बड़ा चमत्कार और उपलब्धि है। कंप्यूटर एक जादू है, इसलिए नहीं कि वह आसानी से बहुत सारे Heavy Data को Processing कर सकता है।

कंप्यूटर के पास इतना शक्ति है, कि आपके सोच को और भी ऊपर ले कर जा सकता है। आप इसके माध्यम से केवल एक क्लिक से पूरे दुनिया से Connect कर सकते हैं।

आज के इस लेख में हम Computer Kya Hai(कंप्यूटर क्या है) इसके प्रकार व इतिहास के साथ – साथ हमारे जीवन में कंप्यूटर कैसे Transform कर रहा है।

हम ये भी जानने और समझने की कोशिश करेगें, कि इसके जरिए Data Input से लेकर Processing और Output तक की सम्पूर्ण प्रक्रिया कैसे काम करती है।

जब हमलोग इसके और इसके शक्तियों के गहराई में पहुंचेंगे, तब आपको ऐसा एहसास होगा कि आपके साथ में जो डिवाइस है। ये अपने साथ पूरी दुनिया साथ में लेकर चल रही है।

आइए आपको आज ऐसे टॉपिक और ज्ञान से रूबरू करा देते है, जिसके बाद आप इसके बारे में और जानकारी जानने की कोशिश करेंगे। चलिए कंप्यूटर क्या है जानते है।

Content In The Article Show

कंप्यूटर क्या है – Computer Kya Hai In Hindi

कंप्यूटर एक प्रकार का Electronic Device है, जिसका काम Data Process करने और इस प्रकार जैसे और भी कामों को आसानी से करने के लिए डिज़ाइन किया है।

कंप्यूटर मुख्य रूप से डेटा की गणना, संग्रहण, और प्रसंस्करण के लिए उपयोग किया जाता है। Computer का हिंदी में मतलब (Computer Meaning in Hindi) गणना होता है।

ऐसे में इसको एक गणकयंत्र (Calculator) कहा जा सकता है। इसको अगर आप खुद से इसको सोचे तो आपको समझ आएगा, कंप्यूटर केवल गणकयंत्र नहीं है।

आप एक Gamer, Office Worker, Students, या फिर जो लोग Computer का Use करते हैं। उस से आप अगर पूछेंगे, कि Computer का क्या काम है।

तब आपको सभी से अलग – अलग जवाब सुनने को मिलेंगे। इस लिए ऐसा कहना गलत होगा कि कंप्यूटर सिर्फ गणकयंत्र है।

कप्म्यूटर की परिभाषा अलग – अलग कामों के बाद बदल जाता है, Gamer आपको बोलेगा Gaming के लिए सही है। Office Worker बोलेंगे ऑफिस के कामों को सँभालने के लिए सही है।

अब इतने सारे अर्थ और मतलब होने के बावजूद, ये परिभाषा सायद सही है। क्यूंकि कंप्यूटर के कामों कैद साथ-साथ इसके परिभाषा भी बदल रहे हैं। इस लिए निम्नलिखित परिभाषा सबसे मिलते-जुलते हैं।

कम्प्यूटर की परिभाषा – Computer Definition in Hindi

Computer एक प्रकार की ऐसी मशीन है, जो कार्य को पूरा करने के लिए पहले निर्देश मांगती है। अथ्वा ऐसा कहा जा सकता है कि कप्म्यूटर एक ऐसी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है, जो अपने काम को पूरा करने के लिए उपयोगिता से इनपुट लेता उसके बाद प्रोसेस करता और अंत में उसका आउटपुट प्रदान करता है।

अब ऊपर के इस परिभाषा को पढ़ने के बाद ये आसानी से समझा जा सकता है, कि कंप्यूटर किसी भी काम को करने से पहले उपयोग करने वाले से उसके बारे में जानकारी और निर्देश लेता है।

इसके बाद दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए, अपने प्रोसेस करेगा अब तब आपको एक सही परिणाम तक पहुंचाएगा जिसे आउटपुट डिवाइस से प्रदर्शित कर पाता है।

जब निर्देश दिए जाते हैं, तब उसमें कई प्रकार के डाटा दिए जाते हैं। जैसे – कोई संख्या, किसी प्रकार का कोई आकड़ा इत्यादि। अब इस डाटा के अनुसार व आधार के हिसाब से परिणाम देता है।

इस वजह से अगर आप कंप्यूटर को गलत निर्देश या फिर गलत डाटा देते हैं, तब आपको कंप्यूटर भी गलत जानकारी और गलत परिणाम देगा।

कम्प्यूटर का पूरा नाम क्या है – Computer Full Form in Hindi

जैसा कि आपको मालूम है, कि कम्प्यूटर का इस्तमाल लगभग सभी जगहों पर हो रहा है। इस वजह से अभी तक किसी भी और कोई भी एक परिभाषा ने इसको बांध नहीं पाया।

अलग – अलग लोग और अलग – अलग संस्था अपने हिसाब से Computer के पूरा नाम अलग – अलग बताते हैं। लेकिन निम्नलिखित में वह फुल फॉर्म बताया गया है, जो ज्यादा Standard और Famous है –

  • C – Commonly
  • O – Operating
  • M – Machine
  • P – Particularly
  • U – Used in
  • T – Technology
  • E – Education and
  • R – Research

अतः ये रहा Commonly Operating Machine Particularly Used in Technology Education and Research कंप्यूटर का अंग्रेजी में फुल फॉर्म, हिंदी में आमतौर पर ऑपरेटिंग मशीन विशेष रूप से प्रौद्योगिकी शिक्षा और अनुसंधान में उपयोग की जाती है ये होता है।

चार्ल्स बैबेज को Father of Computer का उपाधि मिला है। इन्होंने साल 1833 में Analytical Engine बनाया, जिसके ही आधार पर आज कंप्यूटर बना। 

कम्प्यूटर के विभिन्न प्रकार – Types Of Computer in Hindi

मुख्य रूप से कंप्यूटर तीन प्रकार होते हैं। ये तीनों प्रकार निम्नलिखित है –

  1. अनुप्रयोग (Application)
  2. उद्देशय (Purpose)
  3. आकार (Size)

कंप्यूटर के भाग – Computer Parts in Hindi

Computer के दो भाग होते हैं –

  1. हार्डवेयर – Hardware
  2. सॉफ़्टवेयर – Software

आइए अब आपको मैं इन दोनों हार्डवेयर (Hardware) और सॉफ़्टवेयर (Software) के बारे में और जानकारी बताते हैं –

हार्डवेयर – Hardware

Hardware कंप्यूटर का भौतिक अंग होता है, यानि की हम इसको अपने हाथों से छू सकते हैं। उदहारण स्वरुप इनपुट डिवाइसेस – जैसे की कीबोर्ड और माउस, आउटपुट डिवाइसेस जैसे कि मॉनिटर और प्रिंटर, प्रोसेसर व स्टोरेज इत्यादि।

हार्डवेयर के अंतर्गत आने वाली डिवाइस निम्नलिखित हैं –

  1. Input Device
  2. Processing Unit
  3. Output Device
  4. Storage Device

इनपुट उपकरण – Input Device in Hindi

Input Device के माध्यम से ही हम अपने कंप्यूटर को किसी भी प्रकार का निर्देश दे पाते हैं, जिसके बाद वह अपना काम कर पाता है। निम्नलिखित इनपुट उपकरण(Input Device) कुछ उदहारण हैं –

  • मॉनिटर (Monitor)
  • माउस (Mouse)
  • कीबोर्ड (Keyboard)
  • स्पीकर (Speakers)
  • प्रिंटर (Printer)
  • वेबकैम (Webcam)
  • माइक्रोफोन (Microphone)
  • जॉयस्टिक (Joystick)

इन सभी के बारे में पूरा परिभाषा और जानकारी आपको कम्प्यूटर का परिचय – Computer Introduction in Hindi वाले सेक्शन में पढ़ने को मिलेंगे।

प्रोसेसिंग यूनिट – Processing Unit(CPU) in Hindi

Processing Unit(CPU) को कंप्यूटर का Brain भी कहा जाता है, पूरे कंप्यूटर को नियंतरण करने यानि कण्ट्रोल करने का काम इसी Processing Unit(CPU) का ही होता है।

प्रोसेसिंग यूनिट कंप्यूटर का सबसे मुख्य अंग होता है, इसके माध्यम से ही कंप्यूटर डाटा को प्रोसेस कर पता है। उदाहरण स्वरुप डाटा प्राप्त करना, उपभोगता का निर्देश समझना और फिर उसका परिणाम देना।

Processing Unit(CPU) के मुख्यतः तीन भाग होते हैं, जो निम्नलिखित है –

  1. कण्ट्रोल यूनिट (Control Unit -C.U)
  2. अरिथमेटिक लॉजिक यूनिट (Arithmetic Logic Unit – A.L.U)
  3. मेमोरी यूनिट (Memory Unit – M.U)

आइए अब आपको इन सभी भागों के बारे में सभी जानकारी देता हूँ, ये रहा निम्नलिखित सभी जानकारी –

कण्ट्रोल यूनिट – Control Unit (C.U) In Hindi

कंप्यूटर के जितने भी उपकरण होते हैं, चाहें वह इनपुट डिवाइस हो या फिर आउटपुट डिवाइस सभी के सभी को कण्ट्रोल Control Unit ही करता है।

Control Unit के मदद से ही सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर भी कण्ट्रोल किए जाते हैं। मतलब आपका आपका कंप्यूटर सही से काम कर रहा है या नहीं इसका हिसाब भी Control Unit के पास है।

अरिथमेटिक लॉजिक यूनिट – Arithmetic Logic Unit (A.L.U) In Hindi

इसका नाम से पता लगाया जा सकता है, कि इसका काम कंप्यूटर में क्या हो सकता है। कंप्यूटर Arithmetic Logic Unit के मदद से ही जोड़, घटाना, गुणा, विभाजन, तुलना, और लॉजिकल ऑपरेशन जैसे काम कर पता है।

Arithmetic Logic Unit मेमोरी से डाटा को पढ़ कर और समझ कर, इसके बाद उसपर अनेकों संचालन करने के बाद अपना परिणाम दिखाता है।

मेमोरी यूनिट – Memory Unit (M.U) In Hindi

कंप्यूटर में Memory Unit का काम User के डेटा और निर्देशों को Stored करने के लिए इस्तमाल होती है, Memory Unit में ही कंप्यूटर का रैन्डम एक्सेस मेमोरी (RAM) और रीड-ऑनली मेमोरी (ROM) होता है।

मेमोरी यूनिट ही डाटा को प्रोसेसिंग यूनिट करने के लिए उपलब्ध करता है, जिससे डाटा प्रोसेस किया जाता है। Memory Unit के दो प्रकार होते हैं।

  1. Primary Memory
  2. Secondary Memory

Memory Unit के दो प्रकार Primary Memory और Secondary Memory के परिभाषा निम्नलिखित है –

Primary MemorySecondary Memory
वैसे डाटा जो कंप्यूटर ऑन के साथ Store होता है, जिससे कोई निर्देश समझा जाता है। उन सभी को Primary Memory में Save किया जाता है, इसको Main Memory से भी जाना जाता है। ये डाटा खुद ही कंप्यूटर ऑफ होने के बाद Remove हो जाते हैं।जो डाटा हमेशा के लिए Save किया जाता है, जिससे ये कोई फर्क नहीं पड़ता है कि Computer ऑन है या ऑफ। वह Secondary Memory में Save होता है, इसको Auxiliary Memory के नाम से भी लोग जानते हैं।
Primary Memory के भी दो भाग होते है, RAM और ROM.Secondary Memory में Hard Drive, SSD, Flash, USD Drive, Optical Drive इत्यादि आता है
कंप्‍यूटर मेमोरी की यूनिट – Unit of Computer Memory in Hindi

कंप्‍यूटर मेमोरी की भी एक संख्या में यूनिट होती है, जो कुछ निम्नलिखित है –

मेमोरी इकाईके बराबर
बाइनरी डिजीट (0,1) (सबसे छोटी इकाई)1 Bit
1 निब्बल (Nibble)4 bits
1 बाइट (Byte)8 bits
1 किलोबाइट (KB)1024 bytes
1 मेगाबाइट (MB)1024 KB
1 गीगाबाइट (GB)1024 MB
1 टेराबाइट (TB)1024 GB
1 पेटाबाइट (PB)1024 TB
1 एक्साबाइट (EB)1024 PB
1 जेटाबाइट (ZB)1024 EB
1 योटाबाइट (YB)1024 ZB
1 ब्रोन्टोबाइट (BB)1024 YB
1 गिओप्बाइट (GB)1024 BB
1 गूगोलबाइट (GB)1024 GB
1 सागनबाइट (SB)1024 GB
1 पीजाबाइट (PB)1024 SB

आउटपुट उपकरण – Output Device In Hindi

कंप्यूटर से मिले परिणाम को देखने और सुनने के लिए Output Device की जरूरत पड़ती है। आसान भाषा में इतना समझिए, आपके दिए निर्देश पूरा होने के बाद का परिणाम यही देता है।

निम्नलिखित कुछ Output Device उदाहरण के स्वरुप हैं –

  • मॉनिटर (Monitor)
  • प्रिंटर (Printer)
  • स्पीकर्स और हेडफ़ोन्स (Speakers & Headphones)
  • वीडियो प्रोजेक्टर (Video Projector)

स्टोरेज डिवाइस – Storage Device In Hindi

Storage Device के जरिए ही कंप्यूटर अपना कोई भी डाटा को स्थाई रूप से Store कर पाते हैं। इसके मदद से फाइल्स और डाटा को सुरक्षित रखना आसान है।

निम्नलिखित कुछ Storage Device उदाहरण के स्वरुप हैं –

  • हार्ड डिस्क ड्राइव – Hard Disk Drive (HDD)
  • सॉलिड स्टेट ड्राइव – Solid State Drive (SSD)
  • फ्लॉपी डिस्क ड्राइव – Floppy Disk Drive)
  • कंपैक्ट डिस्क – Compact Disc (CD)
  • डीवीडी – Digital Versatile Disc (DVD)
  • Universal Serial Bus (USB) Flash Drive

सॉफ्टवेयर – Software

Software के माध्यम से ही कंप्यूटर के Applications और Programs को दर्शाता है। Software और Hardware दोनों ही मिल कर कंप्यूटर को कार्य करने के लिए तैयार करते हैं।

सॉफ्टवेयर को नहीं छू सकते हैं, जबकि हम हार्डवेयर को छू सकते हैं। Software पूरा ही डिजिटल रूप में होता है, इस वजह से छू नहीं सकते केवल देख सकते हैं।

Software के दो प्रकार होते हैं, जो निम्नलिखित है –

  1. सिस्टम सॉफ्टवेयर – System Software
  2. एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर – Application Software

सिस्टम सॉफ्टवेयर – System Software In Hindi

System Software का काम कंप्यूटर को सही प्रकार से काम में मदद करने के लिए बनाया गया है। System Software का काम केवल इतना होता है।

कि कंप्यूटर और यूजर के बीच इंटरफ़ेस करना होता है। जिसके जरिए से यूजर अपने काम को आसान और सुविधाजनक बना सके और दूसरे सॉफ्टवेयर को सही व आसानी से इस्तमाल कर सके।

निम्नलिखित कुछ System Software उदाहरण के स्वरुप हैं –

  • ऑपरेटिंग सिस्टम – Operating System
  • ड्राइवर्स – Drivers
  • उपकरण सॉफ्टवेयर – Utility Software

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर – Application Software In Hindi

अलग – अलग कामों को करने और आसान बनाने के लिए कंप्यूटर में Application Software का Use होता है। Application Software को सीधे रूप से एक यूजर इस्तमाल कर सकता है।

निम्नलिखित कुछ Application Software उदाहरण के स्वरुप हैं –

  • फोटोशॉप – Adobe Photoshop
  • माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस – Microsoft Office
  • फिल्मोरा – Wondershare Filmora

कम्प्यूटर का परिचय – Computer Introduction in Hindi

कंप्यूटर अकेला कोई भी कार्य नहीं कर सकता है। कंप्यूटर अपना कार्य करने के लिए अन्य उपकरणों एवं प्रोग्राम का सहायता लेता है, इसके बाद ही अपना काम कर पता है।

Computer के उपकरण हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के नाम से जानने जाते हैं। निम्नलिखित फोटो के माध्यम से आप एक साधारण कंप्यूटर को देख सकते हैं।

ऊपर के फोटो में जो आपको देख रहा है, इसको Desktop Computer के नाम से जाना जाता है। अभी के समय में Desktop Computer ज्यादा प्रचलित है।

आपको उपयुक्त फोटो में कई प्रकार के अलग – अलग उपकरण देखने को मिल रहे होंगे, इन सभी मिल कर ही कंप्यूटर मशीन का निर्माण करते हैं।

अब आपको मैं इस सभी उपकरणों को आसान भाषा और लघु रूप से बताने और समझने की कोशिश करते हैं। ये रहा इन उपकरणों के संक्षिप्त ज्ञान।

System Unit –

जैसा कि आपने फोटो में देखा ही होगा, System Unit का आकर एक बक्सा जैसा ही होता है। इसके अंदर ही कंप्यूटर के कार्य करने की सभी यंत लगे होते हैं।

System Unit को ही CPU के नाम से भी जाना जाता है, जिसका पूरा नाम Central Processing Unit होता है। इसमें ही मदरबोर्ड, प्रोसेसर, हार्ड डिस्क आदि यंत्र लगे होते है।

जिसके जरिए और इसके सहायता से ही कंप्यूटर अपने काम को करने में सक्ष्म हो पता है, इसको कई लोग Computer Case के नाम से भी जानते हैं।

Monitor –

Monitor एक प्रकार का स्क्रीन है, जो Visual दिखता है। Monitor कंप्यूटर का एक आउटपुट उपकरण है, जिसके मदद से हम अपने निर्देशों के परिणाम देख पाते हैं।

आज के वर्त्तमान समय में इसका यानि कि मॉनिटर का जगह एल सी डी एवं एल ई डी ने ले लिया है। ये बिल्कुल एक टेलीविजन की तरह ही दिखाई देती है।

Mouse –

माउस(Mouse) भी मॉनिटर के तरह ही कंप्यूटर का एक आउटपुट डिवाइस है। माउस का काम निर्देश देने के लिए होता है, इसको Pointing Device भी कहा जाता है।

माउस बहुत ही मशहूर Pointing Device है। इसको सबसे ज्यादा इसके Cursor Control Device के लिए जाना जाता है, ये के छोटे बॉक्स जैसा दिखता है।

Mouse में पूरे तीन बटन होते हैं। जिनका अलग – अलग काम होता है, Left Button, Right Button और Scroll Wheel होता है।

  • Left Button – इसका उपयोग Click, Select, File Open, Drag & Drop, Object Move जैसे काम को करने के लिए इस्तमाल किया जाता है।
  • Right Button – राइट बटन का उपयोग किसी खास Function, Information, Properties जैसे कामों को करने के लिए Use किया जाता है।
  • Scroll Wheel – ये Scroll Wheel Button दोनों बटन यानि Left Button और Right Button दोनों के बीच में रहता है। जिसका काम केवल Move, Up और Down जैसे काम को करने के लिए इस्तमाल होता है।

Keyboard –

Keyboard कंप्यूटर का एक इनपुट डिवाइस है, इसका Use कंप्यूटर को अपने निर्देश देने के लिए किये जाते हैं। Keyboard के जरिए से ही Required Data और Instructions दिए जाते हैं।

इसमें यानि कि Keyboard में अलग – अलग कामों के लिए एक – एक Separate Keys है, इसके माध्यम से ही हम कंप्यूटर को Instructions दे पाते हैं।

Keyboard में पांच प्रकार के Key पाएं जाते हैं, वह सभी के सभी निम्नलिखित है –

  • Alphabet Key / Typing Key
  • Number Key / Numeric Key
  • Arrow Key / Direction Key
  • Function Key
  • Special Key

Speakers –

Computer के आउटपुट उपकरण में Speakers भी शामिल है। आप सायद इसको सही से समझ सकते हैं, कि Speakers का क्या काम होता है।

Speakers के जरिए से हम कंप्यूटर से ध्वनि अथ्वा आवाज को सुन सकते हैं। इसके माध्यम से हम कंप्यूटर के माध्यम से गाने, वीडियो, फिल्म, गेम इत्यादि के आवाज सुन पाते हैं।

Printer –

हम किसी भी प्रकार के डिजिटल कॉपी को हार्ड कॉपी यानि कागज पर निकाल सकते हैं, इस Printer के माध्यम से। Printer कंप्यूटर का एक महत्वपूर्ण आउटपुट उपकरणों में से एक है।

कंप्यूटर कैसे काम करता है – How Does a Computer Work in Hindi

कंप्यूटर अपना काम केवल तीन ही स्टेप को पूरा करके ही अपना काम पूरा कर लेते हैं। ये रहा निम्नलिखित वह Process जिससे कंप्यूटर अपना काम करता है।

  • Input Device (Microphone) – इसमें हम कंप्यूटर को डाटा एवं निर्देश देता हैं। उदाहरण स्वरूप कीबोर्ड, माउस, टचस्क्रीन इत्यादि उपकरण।
  • Processing Device (CPU) – इसमें User के द्वारा दिया गया, इनपुट को Process किया जाता है। इसके बाद Input को Output में बदलता है।
  • Output Device (Hard Disk) – इसमें Process किया गया डाटा मिलता है। उदाहरण स्वरूप मॉनिटर, प्रिंटर, और अन्य उपकरण।

कंप्यूटर के प्रकार – Types of Computer in Hindi

कंप्यूटर को तीन भागों में बाटा जा सकता है, और उसका वर्गीकरण किया जा सकता है। निम्नलिखित है, वह तीन भाग जिसके आधार पर वर्गीकरण किया जाएगा।

  1. आकार के आधार पर – Based on Size
  2. कार्य के आधार पर – Based on Task
  3. उद्देश्य के आधार पर – Based on Purpose

आकार के आधार पर – Based on Size

अब आकार के आधार पर कंप्यूटर के चार प्रकार होतें हैं, जो निम्नलिखित है –

  1. माइक्रो कंप्यूटर – Micro Computer
  2. मिनी कंप्यूटर – Mini Computer
  3. मेनफ्रेम कंप्यूटर – Manframe Computer
  4. सुपर कंप्यूटर – Super Computer

माइक्रो कंप्यूटर – Micro Computer In Hindi

Micro Computer आकर में इस प्रकार छोटे होते हैं, कि इसको डेस्क पर आसानी से रखा जा सकता है। Micro Computer को एक और नाम कंप्यूटर ऑन ए चिप से भी जाना जाता है।

इस डिजिटल ज़माने में माइक्रो कंप्यूटर अलग – अलग आकर का उपलब्ध है, जैसे – फोन के आकार में , पुस्तक के आकार में तथा घड़ी के आकार में इत्यादि।

इनका उपयोग आज लगभग सभी जगहों पर आसानी से किया जाता है, आज के डिजिटल ज़माने में इसको अपने काम में लाना एक आम-बात जैसा है।

Micro Computer के चार प्रकार होते हैं, जो निम्नलिखित है –

  1. डेस्कटॉप कंप्यूटर – Desktop Computer
  2. लैपटॉप – Laptop
  3. पामटॉप – Palmtop
  4. वर्कस्टेशन – Workstation

अब आइए मैं इन सभी प्रकार को आसान भाषा में और संक्षिप्त तरीके से समझाने की कोशिश करते हैं –

डेस्कटॉप कंप्यूटर – Desktop Computer

Persional Computer (PC) में सबसे ज्यादा इस्तमाल में लेने जाने वाला कंप्यूटर है। आज के इस डिजिटल ज़माने में भी इस लिए ज्यादा इस्तमाल किए जा रहे हैं, क्यूंकि इसका दाम कम है और इसमें दम(मजबूत और ज्यादा चलने वाला) ज्यादा है।

लैपटॉप – Laptop

जैसे – जैसे विज्ञान और तकनीक अपना कदम आगे बढ़ा रही है, उसी हिसाब से ही सभी जगहों पर बदलाव और नए अविष्कार हो रहे हैं।

बीते कुछ वर्षों में इतने अहम् तकनीकी विकास हुआ है, कि Micro Computer अब इस आकर के बन गए हैं कि इसको आसानी से कही भी और कभी भी इस्तमाल में ले सकते हैं।

आज एक साधारण से साधारण व्यक्ति भी इसको आसानी से इस्तमाल में ले सकता है। इस नए प्रकार के अविष्कार जो माइक्रो कंप्यूटर में आए इसको लैपटॉप (Laptop) कहा जाता है, लोग इसको “नोटबुक” भी कहते हैं।

पामटॉप – Palmtop

Micro Computer का पामटॉप एक ऐसा प्रकार है, जो लैपटॉप से भी हल्का और छोटा है। आप Palmtop को आसानी से हाथ में पकड़ का काम कर सकते हैं।

इस प्रकार से इसको डिज़ाइन किया गया, जिसको लोग आसानी से कभी पर भी इस्तमाल में ला सकते हैं। Palmtop को पर्सनल डिजिटल असिस्टेंट(PDA) भी कहा जाता है।

वर्कस्टेशन – Workstation

इसके नाम से थोड़ा बहुत समझ में आ रहा है, कि इसको खास काम के लिए डिज़ाइन किया गया है। ठीक ऐसा ही है, Workstation को अभियांत्रिकी , तकनीकी और ग्राफिक्स के कार्यों लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है।

मिनी कंप्यूटर – Mini Computer In Hindi

Mini Computer की कार्य करने की क्षमता और दाम दोनों ही Micro Computer से ज्यादा है। ऐसे कंप्यूटर में एक साथ एक से ज्यादा काम, एक से ज्यादा लोग कर सकते हैं।

मिनी कंप्यूटर का इस्तमाल ख़ास कर छोटी या मध्यम स्तर की कंपनियां करती है। इसको सेंट्रल कंप्यूटर के तरह से उपयोग किया जाता है, जिसको सर्वर कहते हैं। जैसे – Bull DPS 6/DPS 6000, HP 9000, BULL HN – DPX2 इत्यादि

मेनफ्रेम कंप्यूटर – Manframe Computer In Hindi

Manframe Computer आकर में बहुत ही बड़े हैं, इसका कार्य करने की क्षमता और दाम दोनों ही मिनी और माइक्रो कंप्यूटर से अधिक होता है।

अधिकतर कंपनी मेनफ्रेम कंप्यूटर का इस्तमाल इन चुनिंदा कामों को आसान करने के लिए हैं, जिनमें भुगतान का Details रखने , बिलों को भेजने , कर्मचारियों को भुगतान करने और उपभोक्ताओं द्वारा खरीदी वस्तुओं का Details आदि।

सुपर कंप्यूटर – Super Computer In Hindi

Super Computer का आकर बहुत विशाल होता सभी कंप्यूटर से, सुपर कंप्यूटर तेज गति और अत्यधिक स्टोर क्षमता वाला होता है।

दुनिया का सबसे पहला Super Computer ” CRAY – 1 ” है, जिसको Cray Research Company ने साल 1976 में बनाया था। वही भारत का पहला Super Computer ” PARAM – 8000 ” है।

PARAM – 8000 को C – DAC नामक संस्था ने महाराष्ट्र के पुणे में बनाया था, सुपर कंप्यूटर का मुख्य कार्य निम्नलिखित है –

  • मौसम की भविष्यवाणी करने में
  • अंतरिक्ष में अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने में
  • बड़ी वैज्ञानिक शोध प्रयोगशालाओं में

कार्य के आधार पर – Based on Task

कार्य के आधार पर कंप्यूटर के तीन प्रकार होतें हैं, जो निम्नलिखित है –

  1. एनालॉग कंप्यूटर – Analog Computer
  2. डिजिटल कंप्यूटर – Digital Computer
  3. हाइब्रिड कंप्यूटर – Hybrid Computer

एनालॉग कंप्यूटर – Analog Computer

इस कंप्यूटर यानि कि एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer) का इस्तमाल भौतिक कामों के लिए किया जाता है। जैसे – दाब , तापमान , लंबाई और पारा इत्यादि को मापने और उसके परिणाम को पाने के लिए।

ऐसा इसलिए कि एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer) को ऐसा ही डिज़ाइन किया गया, कि यह मात्राओं को अंकों में प्रस्तुत करता है। इसका अधिकतर इस्तमाल विज्ञान और इंजीनियरिंग क्षेत्र में होता है।

डिजिटल कंप्यूटर – Digital Computer

अब आप इसके नाम से ही समझ रहे होंगे, इसका नाम Digital Computer है। डिजिटल कंप्यूटर का Use अंको की गणना करने के लिए किया जाता है।

अभी इस समय जितने भी कंप्यूटर आ रहे हैं, सभी के सभी Digital Computer में ही आ रहे हैं। Digital Computer दिए गए इनपुट डाटा को 0 और 1 में परिवर्तित करता है।

इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक रूप में इसको प्रदर्शित करता है, अभी ज्यादातर डिजिटल कंप्यूटर का इस्तमाल निम्नलिखित कुछ क्षेत्र में ज्यादा किया जाता है।

  • व्यापार क्षेत्र में
  • घर के बजट में
  • एनिमेशन इत्यादि के लिए
डिजिटल कंप्यूटर का उदाहरण - डेस्कटॉप कंप्यूटर , लैपटॉप आदि है। 

हाइब्रिड कंप्यूटर – Hybrid Computer

Hybrid Computer में एनालॉग और डिजिटल दोनों ही कपूर के गन होते हैं। इसके माध्यम से हम भौतिक मात्राओं को अंकों में प्रदर्शित करता है और डिजिटल रूप में दिखता है।

सबसे ज्यादा Medical Field में इस हाइब्रिड कंप्यूटर का इस्तमाल होता है। इसके कुछ मशहूर उदाहरण निम्नलिखित है –

  • ECG में
  • Scan में
  • DIALYSIS मशीन में

उद्देश्य के आधार पर – Based on Purpose

उद्देश्य के आधार पर कंप्यूटर के दो प्रकार होतें हैं, जो निम्नलिखित है –

  1. सामान्य उद्देशीय कंप्यूटर
  2. विशिष्ट उद्देशीय कंप्यूटर

सामान्य उद्देशीय कंप्यूटर

सामान्य और साधारण कामों को पूरा करने के लिए इस कंप्यूटर का इस्तमाल होता है। इसके सहायता से निम्नलिखित काम को आसानी से कर सकते हैं –

  • डॉक्यूमेंट तैयार करने में
  • प्रिंट आउट निकलने में
  • डेटाबेस बनाने में
  • पत्र तैयार करने में

विशिष्ट उद्देशीय कंप्यूटर

विशिष्ट उद्देशीय कंप्यूटर का उपयोग निम्नलिखित क्षेत्रों में किया जाता है –

  • अंतरिक्ष विज्ञान
  • मौसम विज्ञान
  • उपग्रह संचालन
  • यातायात नियंत्रण
  • कृषि विज्ञान
  • इंजीनियरिंग
  • भौतिक विज्ञान
  • रसायन विज्ञान इत्यादि

कम्प्यूटर की विशेषताएं – Characteristics of Computer in Hindi

कंप्यूटर को इंसानों के द्वारा ही बनाया गया है, अब कंप्यूटर इंसान से बहुत जल्दी काम कर पता है। अभी बहुत सारे ऐसे काम हैं, जो इंसान अगर दस मिनट में करते हैं तो कंप्यूटर केवल एक मिनट में कर देते हैं।

आइए आपको मैं अब कम्प्यूटर की विशेषताएं के बारे में बताते हैं, बिल्कुल आसान भाषा में और सक्षिप्त में आइए शुरू करते हैं।

गति – Speed

  • कंप्यूटर अपने काम को बहुत तेजी से पूरा करता है।
  • आपके कितने भी निर्देश को भी आसानी से कुछ ही सेकंडों में पूरा कर देता है।
  • कंप्यूटर अपने डाटा को Process करने में केवल व केवल माइक्रोसैकण्ड (10–6), नैनोसैकण्ड (10-9) तथा पिकोसैकण्ड (10-12) लेता है।
  • ऐसे कंप्यूटर पर Process की एक युनिट की Speed देशों लाखों से ज्यादा प्रतिसेकन्ड होता है।
  • कंप्यूटर को जल्दी काम पूरा करने के लिए ही बनाया गया है।

शुद्धता – Accuracy

  • कंप्यूटर अपने काम GIGO (Garbage in Garbage Out) के Principle को फॉलो करके करता है।
  • कंप्यूटर अपने काम में बिलकुल भी गलती नहीं करता है।
  • ये कंप्यूटर अपने काम में आदमी से कम गलती करती है।

परिश्रमी – Diligence

  • शुरू में ही बातए थे, कंप्यूटर एक प्रकार का मशीन है इस वजह से थकता नहीं है।
  • कंप्यूटर बिना किसी रुकावट के लगातार अपने काम को कर सकते हैं।
  • आप अपने हिसाब और जरूरत से कंप्यूटर को किसी भी समय में आसानी से इस्तमाल कर सकते हैं।

बहुप्रतिभा – Versatility

  • कंप्यूटर एक Multiple Working Machine जिसके जरिए से बहुत सारे काम को आसानी से किया जा सकता है।
  • ये कंप्यूटर डाटा प्रोसेस के अलावा भी अन्य कामों को भी आसानी से कर सकता है।
  • हम कंप्यूटर के जरिए से टाइपिंग, दस्तावेज, रिपोर्ट, ग्राफिक, विडियों, ईमेल आदि जैसे काम को भी कर सकते हैं।

स्वचालित – Automation

  • कंप्यूटर एक Automatic मशीन भी है।
  • कंप्यूटर कई सारे कामों को बिना इंसान के भी कर सकती है।
  • कंप्यूटर अपने हिसाब से कामों को Automate भी कर लेती है।

संप्रेषण – Communication

  • कंप्यूटर अन्य इलेक्ट्रॉनिक मशीनों से Communicate भी कर सकती है।
  • कंप्यूटर अपने डाटा को Send और Receive भी कर सकती है।

भंडारण क्षमता – Storage Capacity

  • कंप्यूटर में बहुत ज्यादा भंडारण का जगह होता है।
  • हम कम्प्यूटर में अपने हिसाब से इसका Storage Capacity बढ़ा भी सकते हैं।

विश्वसनीय – Reliability

  • कंप्यूटर एक विश्वाशी मशीन है।
  • इसका जीवन लम्बे समय तक होता है।

कम्प्यूटर की सीमाएं – Limitations of Computer in Hindi

कंप्यूटर एक मशीन है,जो अपने काम को करने के लिए निर्देश मांगता है। अब इसके लिए कंप्यूटर पूरे तरीके से मनुष्य पर ही निर्भर है।

कंप्यूटर एक बुद्धिहीन मशीन है, इसके पास खुद से काम करने की किसी तरह की बुद्धि नहीं है। लेकिन वर्त्तमान समय में कृत्रिम मेधा (Artificial Intelligence) आ रही है, जिससे कंप्यूटर अब सोच सकते हैं।

कंप्यूटर को सही रहने और इसके सही काम करने के लिए इसको एक सही वातावरण में होने की जरूरत होती है। अगर ऐसा नहीं होता है, तब ये अपना काम करना बंद भी कर सकते हैं।

कम्प्यूटर का इतिहास – History of Computer in Hindi

आज की ये आधुनिक कंप्यूटर, इतिहास की ही देंन है। आज से ईशा पूर्व इसकी शुरुआत हो चुकी थी, जब चीनियों ने अबेकस का आविष्कार किया था।

इसके बाद बहुत सारे बहुत सारे स्वचालित मशीन में बनने की शुरुआत होने लगी थी, वही चार्ल्स बैबेज के द्वारा बनाया गया मशीन आज कंप्यूटर का आधार है।

अबेकस दुनिया का सबसे पहला गणना करने वाला मशीन था, जिसमें आसानी से जोड़ व घटाओ किया जा रहा था। इसकी कोई ठोस सबूत नहीं है, लेकिन आज से लगभग 2500 साल पूर्व ही अबेकस को चीनीयों ने बनाया था।

17वीं शताब्दी तक गणना करने के लिए केवल एक ही मशीन थी, अबेकस। साल 1017 में John Napier नामक एक Scottish Mathematician Physicist थे।

उनहोंने एक अपना किताब लिखा Rabdology, जिसमें उन्होंने अपने बनाए गणितीय उपकरण का बात किया। जिसका नाम Napier’s Bones था।

Napier’s Bones का Use उत्पादों की गणना तथा भागफल ज्ञात करने हेतु किया जा रहा था। इस डिवाइस जिस तरीके को इस्तमाल करता था, डाटा के गणना के लिए उसको रेब्दोलॉजी कहा जाता था।

John Napier के अविष्कार के बाद ही William Oughtred नामक एक English Mathematician थे, उन्होंने भी Slide Rule को अविष्कार किया।

अब इसके माध्यम से गुणा, भाग, वर्गमूल, त्रिकोणमीतिय जैसी कैलकुलेशन किया जा रहा था। अब इसके ठीक 20 साल बाद फ्रेंच वैज्ञानिक माथ ने कैलकुलेटर बनाया, इस कैलकुलेटर का नाम पास्कालिन था।

इसके बाद इसके नए और अच्छे जनरेशन को अविष्कार किया गया, जिसका नाम Step Reckoner था। इसको Gottfried Wilhelm Leibniz नामक एक वैज्ञानिक ने बनाया था, जिसमें भंडारण करने की सुविधा थी।

Binary System की भी शुरुआत Gottfried Wilhelm Leibniz ने ही किया था। जिसके सहायता से English Mathematician और Philosopher श्रीमान George Boole ने नया गणितीय शाखा “Boolean Algebra” का आविष्कार किया।

अभी के आधुनिक कंप्यूटर डाटा को प्रोसेस करने के लिए इसी बाइनरी सिस्टम और बुलीन अल्जेब्रा का ही इस्तमाल करते हैं।

अब साल 1804 में seph-Marie-Jacquard नामक फ्रेंच के बुनकर व व्यापारी ने हथकरघा बनाया, जिसका नाम Jacquard Loom था। Jacquard Loom को ही दुनिया का पहला Information Processing माना जाता है।

अब इसके अविष्कार के कुछ समय बाद साल 1820 में फ्रांस के ही Thomas de Colmar ने Arithmometer नामक फिर एक नया गणना मशीन बनाया।

इसके माध्यम से जोडना, घटाना, गुणा, भाग किए जा रहे थे, लेकिन उस समय इसका विकाश रुक गया इसका कारण द्वितीय विश्व युद्ध बना।

आज के आधुनिक कंप्यूटर के पिता से प्रसिद्ध Charles Babbage ने 1822 में Polynomial Function का Formularization करने के लिए Automatic Mechanical Calculator का इजात किया।

Charles Babbage के द्वारा बनाए गए, इस कैलकुलेटर का नाम Difference Engine था। इस कैलकुलेटर को बाप के द्वारा चलाया जाता था, इसका आकर भी विशाल था।

इस कैलकुलेटर में प्रोग्राम को स्टोर करने, गणना करने तथा मुद्रित करने जैसी क्षमता उपलब्ध थी। इसके अविष्कार के लगभग एक सौ साल बाद साल 1833 में Analytical Engine डिजाइन किया गया।

अब Analytical Engine को ही इस आधुनिक कम्प्यूटर के शुरुआत का प्रारूप माना गया। यही वजह है, कि चार्ल्स बैबेज को कंप्यूटर का जनक कहा जाता है।

Constitution – Computer Kya Hai

दोस्तों उम्मीद है, कि आपको इस लेख के माध्यम से आसान भाषा में आपके सवाल Computer से जुड़ी हुई का सही और उम्दा जवाब मिला होगा। अगर आप को इसमें कुछ कमी लगी।

तब उसके लिए आप हमें कमेंट में सवाल कर सकते हैं, वह आपके सवालों का जवाब मिल जाएगा। इस ब्लॉग हिंदी में जानकारी hindimea.com पर ऐसे ही लेख पढ़ने को मिलेगी।

आप हमारे WhatsApp Channel को फॉलो कर लें, यहाँ पर प्रतिदिन जानकारी वाली पोस्ट को लोगो के लिए शेयर किया जाता है।

FAQ’s – Computer Kya Hai


कंप्यूटर की पूरी परिभाषा क्या है?

कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जो डाटा को स्वीकार करना, उसको स्टोर करना, प्रोसेस करने एवं डाटा के परिणामों को देने का क्षमता है।

कंप्यूटर कितने प्रकार के होते हैं?

कंप्यूटर के मुख्य प्रकार ये हैं – सुपर कंप्यूटर, मेनफ़्रेम कंप्यूटर, मिनी कंप्यूटर, पर्सनल कंप्यूटर (पीसी), वर्कस्टेशन कंप्यूटर, माइक्रोकंट्रोलर, स्मार्टफ़ोन, एनालॉग कंप्यूटर, डिजिटल कंप्यूटर, हाइब्रिड कंप्यूटर

कंप्यूटर का जनक कौन है?

कंप्यूटर का जनक चार्ल्स बैबेज है।

कंप्यूटर की स्थापना कब हुई?

कंप्यूटर की स्थापना साल 1822 में हुआ था।

कंप्यूटर का पुराना नाम क्या है?

कंप्यूटर का पुराना नाम अबेकस है।

Leave a Comment